उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माण हो रहे सिलकेरा टनल में 41 मजदूरों को रेस्क्यू करने का आज 11 दिन है अमेरिकी आगर मशीन के जरिए टनल के एंट्री पॉइंट पर ड्रिल किया जा चुका है अब लगभग 18 मी की ड्रिलिंग का काम अभी बाकी है जो की लगभग गुरुवार सुबह तक पूरा होने की आशंका जताई जा रही है।
ड्रिलिंग का काम पूरा होने के बाद 32 इंच की पाइप अंदर डाली जाएगी जिसके जरिए मजदूरों को बाहर निकाला जायेगा
उत्तराखंड के उत्तराखंड के सड़क परिवहन मंत्री के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जिनका नाम मोहम्मद अहमद है उन्होंने कहा कि अगर ड्रिलिंग का काम 12:45 पर शुरू किया गया था तो अब तक 18 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है उन्होंने आगे कहा कि मुझे यह बताते हुए बहुत बेहद खुशी हो रही है कि अब तक 39 मीटर की ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है और अनुमान है की मजदूर 57 मीटर के नीचे फंसे हुए हैं इसलिए अब सिर्फ 18 मीटर की ड्रिलिंग का काम बचा हुआ है जो की उम्मीद है कि जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
आगे महमूद अहमद ने बताया की रेस्क्यू ऑपरेशन में पाइपों को वेल्डिंग करने में ज्यादा समय लगता है जिसे डिलीट किए गए छेद में डाला जाता है ताकि श्रमिकों को वहां से निकलने के लिए आसानी से रास्ता मिल सके उन्होंने आगे कहा की वेल्डिंग सबसे महत्वपूर्ण काम है और इसमें काफी समय लगता है उन्होंने आगे कहा 18 मी का पाइप भेजने में देर रात से लगभग 15 घंटे लग गए हैं उन्होंने आगे कहा की टनल के अंदर एक एक्स्ट्रा 800 मीटर पाइप भी डाली गई है।
महमूद अहमद ने बताया इस समय कुछ कहना जल्दबाजी होगा लेकिन उम्मीद है कि जल्दी खुशखबरी सुनने को मिलेगी उन्होंने बताया कि मजदूरों को अंदर नाश्ता तो बरस पेस्ट टॉवल और अंदर गारमेंट्स चार्जर की डिमांड की गई थी और उसे उन तक पहुंचा दिया गया है सभी मजदूर ठीक है।
पांच सरकारी एजेंसियों को भी शामिल किया गया है जिसने से प्राकर्तिक किसने कम समय व्यापक ऑपरेशन में शामिल है मजदूरों को कमजोरी हुई है उनको टेंपरेरी ट्राली के जरिए बाहर खींचने की तैयारी की गई है।
उत्तराखंड प्रशासन में मौके पर 40 एंबुलेंस को भगाया है जिससे किसी भी इमरजेंसी स्थिति में उसका यूज़ किया जा सके और ऋषिकेश एम्स को अलर्ट मोड पर ख गया है मजदूरों के लिए एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था की गई है।
यह घटना 12 नवंबर सुबह 4:00 बजे हुई है जिसमें टनल के एंट्री पॉइंट पर 200 मीटर अंदर तक 60 मीटर तक की मिट्टी धसी हुई है यहां पर जो 40 मजदूर फंसे हुए हैं वह झारखंड बिहार उत्तर प्रदेश उड़ीसा पश्चिम बंगाल उत्तराखंड और हिमाचल के हैं चार धाम रोड प्रोजेक्ट के तहत यह टनल बनाया जा रहा था।